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बुधवार, 30 नवंबर 2022

अब वाराणसी में भी मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल की सेवाएं, लॉन्च की मल्टी स्पेशलिटी ओपीडी

अब वाराणसी में भी मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल की सेवाएं, लॉन्च की मल्टी स्पेशलिटी ओपीडी

-मैरिंगो हॉस्पिटल ने वाराणसी में शुरू की अपनी पहली ओपीडी
-हार्ट, लंग्स और गैस्ट्रो के मरीज ले सकेंगे डॉक्टरों से परामर्श 

वाराणसी: फरीदाबाद-एनसीआर के अग्रणी अस्पतालों में शुमार मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल ने अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अपना विस्तार किया है. मैरिंगो ने यहां अपनी मल्टी स्पेशलिटी ओपीडी शुरू की है. इस ओपीडी की शुरुआत शहर के एपेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ मिलकर की गई है.
आज से ही इस ओपीडी की शुरुआत हो गई है और हर महीने के पहले व तीसरे शनिवार को ये ओपीडी सेवा उपलब्ध रहेगी. दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक मरीज यहां आकर डॉक्टरों को दिखा सकेंगे. जिन्हें भी दिल से जुड़ी बीमारी, लिवर, गैस्ट्रो और फेफड़ों से संबंधित कोई दिक्कत हो तो वे यहां जाकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे. आमतौर पर इस तरह की गंभीर बीमारी की स्थिति में मरीजों के बड़े शहरों की तरफ भागना पड़ता है, लेकिन अब मैरिंगो के इस कदम से वाराणसी व आसपास के इलाके के मरीजों को प्राथ दूसरे शहरों में जाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. 
इस ओपीडी के शुभारंभ के मौके पर मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल व एपेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कई डॉक्टर मौजूद रहे. मैरिंगो हॉस्पिटल में एडल्ट कार्डियक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट व एचओडी डॉक्टर आदित्य कुमार सिंह, कार्डियोथोरेसिक एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर कामरान अली, पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट व एचओडी डॉक्टर श्रीनिवास एम. किनी यहां मौजूद रहे. इनके अलावा मैरिंगो में मिनिमल एक्सेस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, एचपीबी सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर चंद्रा मोहन वी. समेत वाराणसी के एपेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मालिक डॉक्टर एस.के सिंह भी यहां मौजूद रहे. इन सभी डॉक्टर्स की मौजूदगी में इस ओपीडी को शुरू किया गया.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की कई हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, लिवर से जुड़ी बीमारियां आजकल दूसरे नंबर की क्रोनिक बीमारियों के रूप में दर्ज की जा रही हैं और इसके कारण भारत में डेथ रेट भी बढ़ रहा है. 
वाराणसी में ओपीडी लॉन्च के मौके पर मैरिंगो क्यू.आर.जी. हॉस्पिटल में मिनिमल एक्सेस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, एचपीबी सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर चंद्रा मोहन वी. ने कहा, ''लिवर, पैंक्रियाज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, फैटी लिवर और हेपेटाइटिस के मामलों में काफी तेजी आई है जो कि चिंताजनक है. हालांकि, अगर समय पर बीमारी का पता लग जाए तो इनमें से ज्यादातर का इलाज संभव है. इसी मकसद से ये ओपीडी शुरू की गई है ताकि रिमोट इलाकों में रहने वाले बड़ी व गंभीर रोगों के मरीज भी समय पर अच्छे डॉक्टरों को दिखा सकें और बेहतर इलाज पा सकें. यूं तो लिवर और गैस्ट्रो की समस्याओं वाले रोगियों का एडवांस मेथड्स से सफल इलाज किया जा रहा है लेकिन इसके जरूरी है कि रोग का सही वक्त पर पता लग जाए और प्रॉपर ट्रीटमेंट समय पर शुरू कर दिया जाए.''
लिवर और गैस्ट्रो के अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले भी काफी बढ़ रहे हैं. आमतौर पर लोग बीमारी के शुरुआती लक्षणों को दरकिनार कर देते हैं जिससे भविष्य में मुश्किल बढ़ जाती है और इलाज भी कठिन हो जाता है. कई स्टडीज से ये पता चलता है कि भारत में आज भी प्री-मैच्योर मौत और बीमारी के ज्यादातर केस दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होते हैं. खराब जीवनशैली, स्मोकिंग, शराब का सेवन, खाने-पाने की गलत आदतें, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे वो कारण हैं जिनसे भी इन गंभीर बीमारियों को बढ़ावा मिलता है. 
मैरिंगो हॉस्पिटल में एडल्ट कार्डियक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट व एचओडी डॉक्टर आदित्य कुमार सिंह ने इस मौके पर कहा, ''लोगों के बीच एक गलत धारणा है कि हार्ट से जुड़ी बीमारियां ज्यादा आबादी वाली जगहों या मेट्रो शहरों में ही हो रही हैं. जबकि दूसरी तरफ, सच्चाई ये है कि टायर-2 और टायर-3 जैसे छोटे शहर भी हार्ट डिसीज़ का केंद्र बन रहे हैं. वाराणसी में इस ओपीडी को शुरू करने के साथ ही हम लोगों को ये बताना चाहते हैं कि वो कैसे खुद को दिल से रोगों से बचाएं, साथ ही लोगों को इलाज के नए-नए तरीकों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा ताकि बीमारी की स्थिति में वो सही इलाज पा सकें और अपना जीवन सुरक्षित कर सकें. एडवांस तकनीक, विशेषज्ञ और स्किल्ड डॉक्टर्स की मदद से आजकल दिल की बीमारियों से जुड़े मुश्किल से मुश्किल केस भी आसान हो गए हैं और उनका सफल किया जा रहा है.''
डॉक्टर आदित्य कुमार के अलावा डॉक्टर कामरान अली ने भी यहां अपनी बात रखी. डॉक्टर कामरान मैरिंगो हॉस्पिटल में कार्डियोथोरेसिक एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट हैं. उन्होंने कहा, ''इस ओपीडी के जरिए हमारा मकसद वाराणसी और आसपास के इलाकों के कार्डियक पेशंट को बेहतर इलाज देना है. दिल से जुड़ी बीमारियों के केस में अब सर्जरी आसान हो गई है. नए-नए उपकरण आ गए हैं, जिनकी मदद से कम से कम चीर-काट करके सर्जरी कर दी जाती है जिसमें खून भी कम बहता है और मरीज की रिकवरी भी जल्दी हो जाती है. मरीज को अस्पताल में कम वक्त रहना पड़ता है और वो ऑपरेशन के बाद जल्द ही सामान्य जीवन गुजारने लगते हैं. टेक्नोलॉजी तो उपलब्ध है लेकिन उसके बारे में लोगों को अवेयर करने की जरूरत है. साथ ही लोगों को ये भी समझाने की आवश्यकता है कि वो स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं, किसी किस्म का भी लक्षण दिखने पर हिचकिचाएं नहीं, समय पर डॉक्टर को दिखाएं और अपना इलाज कराएं.''
जिन लोगों को जन्मजात हार्ट डिसीज़ रहती हैं उसका कारण ये भी रहता है कि गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के हार्ट का ठीक से विकास नहीं हो पाता. यह जानना महत्वपूर्ण है कि जन्मजात हार्ट डिसीज़ के ज्यादातर मामलों का कारण पता नहीं होता है और यह किसी भी गर्भावस्था में हो सकता है. बच्चों में अगर किसी भी प्रकार का नीलापन (सायनोसिस) है तो इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि दिल से जुड़ी दिक्कत के कारण हो सकता है.
मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट व एचओडी डॉक्टर श्रीनिवास एम. किनी ने अपने संबोधन में कहा, ''मैरिंगो क्यू.आर.जी अस्पताल और एपेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के बीच जो समन्वय हुआ है उसका मकसद सिर्फ दिल के मरीज बच्चों को इलाज देना ही नहीं है, बल्कि जिन भी मरीजों को जरूरत है उनको ट्रीटमेंट दिया जाएगा. कई बार मां-बाप अपने बच्चों के दिल के बढ़े हुए साइज को लेकर भी परेशान होते हैं. बड़ा दिल होने का मतलब कोई बीमारी नहीं होती है, लेकिन हां ये किसी चिंताजनक स्थिति की सिग्नल जरूर हो सकता है. बड़ा दिल होने के मामले में कई बार बच्चे को लाइफ थ्रेटनिंग समस्याएं भी हो सकती हैं. बच्चों में बढ़े हुए दिल का सामान्य कारण दिल में छेद हो सकता है जैसे एएसडी, वाल्वुलर हृदय रोग, एक बीमारी जो जन्मजात या अधिग्रहित हो सकती है, हृदय की मांसपेशियों की बीमारी (कार्डियोमायोपैथी) और दिल के आसपास तरल पदार्थ हो सकता है. रेड ब्लड सेल काउंट कम होना, थायराइड की समस्या, पल्मोनरी हाइपरटेंशन और एमाइलॉयडोसिस जैसी दुर्लभ बीमारियां भी बढ़े हुए दिल का कारण बन सकती हैं. बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि दिल का साइज बढ़ने का कारण पता लगाया जा सके और उसका आगे का इलाज किया जा सके. इस ओपीडी के माध्यम से हम जनता और माता-पिता को जन्मजात हृदय दोष और शीघ्र जांच के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहते हैं. दोनों अस्पतालों की इस पार्टनरशिप को हम अन्य रोगों के इलाज के मामले में भी जारी रखेंगे.''
वाराणसी में ओपीडी सेवा की शुरुआत मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल का मरीजों के लिए उठाया जाने वाला एक और बेहतर कदम है. फरीदाबाद एनसीआर में वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर सर्विस देकर नाम कमा चुके मैरिंगो क्यू.आर.जी हॉस्पिटल की सेवाएं अब वाराणसी में भी मिलने लगी हैं. इससे निश्चित ही वाराणसी व आसपास के इलाके के लोगों को मैरिंगो के एक्सपर्ट व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से फायदा मिलेगा और वो बेस्ट इलाज पा सकेंगे.

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