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सोमवार, 20 जून 2022

अब मथुरा शहर में भी बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की सेवाएं, न्यूरो सर्जरी ओपीडी का शुभारंभ

 

अब मथुरा शहर में भी बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की सेवाएं, न्यूरो सर्जरी ओपीडी का शुभारंभ
20 जून 2022, मथुरा (The Blast News) बढ़ती न्यूरो संबंधी बीमारियों के बीच दिल्ली के बीएलके मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल ने अब यूपी के मथुरा में भी हेल्थ केयर करने का कदम उठाया है। सोमबार को मैक्स के न्यूरो चिकित्सक डॉ रोहित बंसल द्वारा शहर में रेगुलर ओपीडी सेवा का विधिवत शुभारंभ किया है। इस ओपीडी की शुरुआत मथुरा के प्रकाश नर्सिंग होम एंड अस्पताल के साथ मिलकर की है। जिससे न सिर्फ मथुरावासियों को फायदा पहुंचेगा बल्कि आसपास के इलाके के लोग भी यहां इलाज करा सकेंगे। 

बतलाया गया है कि मथुरा के प्रकाश नर्सिंग होम में यह ओपीडी एक महीने में दो बार चलेगी. महीने के पहले और तीसरे सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक यहां मरीज आ सकेंगे और न्यूरो संबंधी अलग-अलग तरह की बीमारियों के बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर्स से राय ले सकेंगे. ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या, हाथ-पांव या शरीर का कोई अन्य हिस्सा कांपना, मिर्गी और माइग्रेन जैसी बीमारियों वाले मरीज यहां एक्सपर्ट डॉक्टर्स को दिखा सकेंगे. मथुरा में इस ओपीडी के शुरू होने से अब स्थानीय लोगों को दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे मरीजों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही उनके परिजनों को भी आसानी होगी. 

ओपीडी के शुभारंभ के मौके पर *बीएलके मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में न्यूरोसर्जरी एंड न्यूरो स्पाइन के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर रोहित बंसिल* ने लोगों को छोटे शहरों में बढ़ रही ब्रेन और स्पाइन संबंधी बीमारियों से बारे में बताया. डॉक्टर रोहित ने ये भी बताया कि न्यूरो से जुड़ी दिक्कतें अब हर उम्र के लोगों को हो रही हैं. साथ ही ये भी समझाया कि आजकल मिनिलमी इनवेसिव ट्रीटमेंट यानी कम से कम चीर-काट करके बहुत ही सुरक्षित तरीके से दिमाग और रीढ़ की हड्डी जैसे संवेदनशील अंगों के सफल इलाज किए जा रहे हैं. 

डॉक्टर रोहित बंसल ने इस दौरान कहा, ''आजकल हमारे पास ज्यादातर पेशंट्स ऐसे आते हैं जिन्हें सिरदर्द, माइग्रेन, अचानक चक्कर आना या बेहोश हो जाना, चलने में परेशानी, बैलेंस डगमगा जाना, एक या दोनों आंखों से देखने में दिक्कत, बोलने में परेशानी, चबाने में समस्या जैसी प्रॉबलम्स होती हैं. हम ब्रेन ट्यूमर, कमर के निचले हिस्से में दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी दिक्कतों का ठीक से पता लगाकर ही इलाज करते हैं. मथुरा में जो ये ओपीडी शुरू हो रही है इससे यहां के लोगों को बहुत ही अच्छा इलाज मिलेगा और हम उन्हें न्यूरो संबंधी बीमारियों के बारे में जागरुक करेंगे. अब ऐसी मशीनें आ गई हैं जिनसे की-होल जैसी सर्जरी बहुत ही कम चीर-काट कर हो जाती है, जिससे खून बेहद कम बहता है, तुरंत रिकवरी होती है, इससे मरीज को डर भी नहीं लगता और अस्पताल में भी ज्यादा वक्त तक भर्ती रहने की जरूरत नहीं पड़ती.''

न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में नए-नए किस्म के उन्नत उपकरण आ गए हैं जिनकी वजह से मरीजों का इलाज काफी आसान और सुरक्षित हो गया है. यहां तक कि ब्रेन और स्पाइन से जुड़ी बीमारियों के ट्रीटमेंट का तरीका भी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी ने पूरी तरह बदल दिया है.

लोगों में ओपन और पुराने तरीके से किए जाने वाले ऑपरेशन को लेकर डर रहता था, लेकिन नई तकनीक इस खौफ का खत्म कर दिया है और सर्जरी को 100 फीसदी सुरक्षित बना दिया है. इससे ये भी फायदा होता है कि सर्जरी के बाद मरीज तुरंत रिकवर हो जाते हैं और डिस्चार्ज हो जाते हैं. इसके अलावा हड्डियों या मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता, जिस हिस्से का ऑपरेशन होता है उस पर भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और ओपन सर्जरी की तुलना में जल्दी रिकवरी हो जाती है।

डॉक्टर बंसल ने बताया, ''नई मशीनों के साथ एंडोस्कोपी करना बहुत सेफ हो गया है, यहां तक कि मुश्किल से मुश्किल ट्यमूर को निकाल लिया जाता है, जिसमें बेहद मामूली खतरा रहता है। करीब 50 फीसदी ब्रेन ट्यूमर्स नॉन-कैंसरस होते हैं, ऐसे में अगर उनका सही तरह से इलाज करा लिया जाए तो मरीज पहले जैसी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। हालांकि, ओपन सर्जरी का विकल्प भी मरीजों के पास रहता है लेकिन उसमें बहुत ज्यादा खून के बहने का खतरा रहता है, जिससे कई बार परमानेंट पैरालिसिस जैसी बड़ी समस्या हो जाती है। ऐसी स्थिति में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी ही ज्यादा फायदेमंद साबित होती हैं, जिसमें रिस्क नहीं होता, कम से कम दर्द होता है और चीर-काट भी बहुत कम होती है।"

न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में एडवांस तकनीक के आने से ऑपरेशंस के बाद मरीजों की जिंदगी में काफी बेहतर सुधार देखा गया है। ऐसे में अगर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की अच्छी टीम से सर्जरी कराए जाए तो बहुत अच्छे नतीजे आने की संभावना रहती है। 


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